Sunday 26 June 2016

शतरंज की चाल
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ज़िंदगी शतरंज है
हम सभी चाल चल रहे हैं अपनी अपनी
सामने वाला हार जायेगा
यही हसरत पाले खेल रहे हैं सभी
हम ज्यादा सर्वश्रेष्ठ हैं यह भी गुमान है
तो ठहरो ज़रा एक बात बताएं तुम्हें
यह धरती बहुत बड़ी है
और लोग एक से बढकर एक
हम भी उन्हीं में से एक हैं
हां तो तुम
जब मोहरे उठाने की कोशिश करते हो
तुम्हारे हिलने
और मोहरे को छूने के
बीच की दूरी से पहले ही
हम तुम्हारी अगली चाल तय कर लेते हैं
तो चलो अब खेलो मेरे साथ
शह और मात का खेल
----कमला सिंह 'ज़ीनत '

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